बिहार में बीजेपी को बढ़त, कांग्रेस की रणनीति बनी विपक्ष के लिए सिरदर्द

बिहार में बीजेपी को बढ़त, कांग्रेस की रणनीति बनी विपक्ष के लिए सिरदर्द

बिहार की सियासत में आगामी चुनाव को लेकर गहमागहमी तेज हो गई है। इस बीच, कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को बिहार की राजनीति में आगे बढ़ाने का फैसला किया है, जिससे राज्य का राजनीतिक परिदृश्य बदल सकता है।

कांग्रेस की नई रणनीति – क्या होगा असर?

➡️ कांग्रेस बिहार में अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए कन्हैया कुमार को युवा नेता के रूप में आगे बढ़ा रही है।
➡️ कन्हैया कुमार की प्रस्तावित 'पलायन रोको, नौकरी दो यात्रा' से कांग्रेस राज्य में युवा वोटर्स को साधने की कोशिश कर रही है।
➡️ इस यात्रा के मुद्दे आरजेडी की राजनीति से मेल खाते हैं, जिससे महागठबंधन के भीतर दरार पड़ने की आशंका है।

कन्हैया कुमार की सक्रियता से आरजेडी को झटका?

?️ कन्हैया कुमार बेरोजगारी और पलायन जैसे मुद्दों पर फोकस कर रहे हैं, जिससे वे आरजेडी के तेजस्वी यादव की रणनीति को चुनौती देते नजर आ सकते हैं।
?️ कांग्रेस के इस कदम से महागठबंधन में आपसी खींचतान तेज हो सकती है, जो विपक्षी एकता के लिए खतरा साबित हो सकता है।

बीजेपी के लिए क्यों फायदेमंद है ये स्थिति?

✅ कांग्रेस के इस कदम के नाकाम रहने पर महागठबंधन कमजोर हो सकता है, जिससे बीजेपी को सीधा राजनीतिक लाभ मिलेगा।
✅ सियासी विशेषज्ञों का मानना है कि विपक्षी दलों में बढ़ते अंतर से बीजेपी को अपनी स्थिति मजबूत करने का अवसर मिलेगा।

क्या है आगे की रणनीति?

? कांग्रेस अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन मजबूत करने के लिए कन्हैया कुमार के सहारे युवाओं को साधने का प्रयास कर रही है।
? वहीं, बीजेपी कांग्रेस के इस कदम से महागठबंधन में पैदा हुई अस्थिरता का सीधा फायदा उठाने की रणनीति अपना सकती है।

? आगामी चुनाव में बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है।

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